BY: Vikas Yadav
जीतेंगे हम ये वादा करो कोशिश हमेशा ज्यादा करो किस्मत भी रूठे पर हिम्मत ना टूटे मज़बूत इतना इरादा करो…
खुल जाएँगे सभी रास्ते रूकावट से लड़ तो सही होगा साहिल पर तू जिद्द पर अड़ तो सही।
हथेली पर रखकर नसीब तू क्यों अपना मुकद्दर ढूंढता है .. सीख उस समंदर से .. जो टकराने के लिए .. पत्थर ढूंढता है
सीढ़ियां उन्हें मुबारक हों, जिन्हें सिर्फ छत तक जाना है, मेरी मंज़िल तो आसमान है, रास्ता मुझे खुद बनाना है।
जिसने भी किया है कुछ बड़ा वो कभी किसी से नहीं डरा।
लाखों ठोकरों के बाद भी संभलता रहूँगा, गिरकर फिर से उठूगा और चलता रहूँगा.
चलता रहूँगा पथ पर चलने में माहिर बन जाऊंगा .. या तो मंजिल मिल जायेगी या अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।